शासकीय मार्तंड महाविद्यालय कोतमा में ABVP का उग्र प्रदर्शन ❗
🔴 “प्राचार्य गुमशुदा, छात्र नाराज़ – गेट पर ताला, नारेबाज़ी तेज”
🔴 “छात्रहितों की अनदेखी बंद करो – कॉलेज प्रशासन होश में आओ”
जनकलम संपादक विकास कुमार की रिपोर्ट
अनूपपुर/कोतमा।
शासकीय मार्तंड महाविद्यालय कोतमा सोमवार सुबह छात्र राजनीति का अखाड़ा बन गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ज़बरदस्त प्रदर्शन किया।
छात्रों ने कॉलेज मुख्य गेट पर ताला जड़कर धरना दिया और नारेबाजी की। “प्राचार्य गुमशुदा है” लिखे पोस्टर-बैनर कॉलेज परिसर में चस्पा कर दिए गए। अचानक हुए इस आंदोलन से कॉलेज का सामान्य कामकाज बाधित हो गया और कई छात्र-छात्राएँ बाहर ही फंसे रहे।


📢 आरोप – मनमानी और छात्रहितों की अनदेखी
ABVP नेताओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों की समस्याओं की लगातार अनदेखी कर रहा है। शिक्षण व्यवस्था अस्त-व्यस्त है, प्राध्यापक मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं और छात्रों की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
छात्र संघ पदाधिकारियों का कहना है कि कई बार लिखित एवं मौखिक शिकायतें देने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
🚨 पुलिस पहुँची मौके पर
कोतमा थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नाबर शुक्ला भी मौके पर पहुँचे। उन्होंने छात्र नेताओं से चर्चा की और उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

✊ छात्रों की प्रमुख मांगें
📌 प्राचार्य एवं प्राध्यापकों की मनमानी पर रोक लगे
📌 छात्रहितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए
📌 कॉलेज की शिक्षण व प्रशासनिक व्यवस्था सुधारी जाए
📌 छात्र समस्याओं के समाधान हेतु स्थायी तंत्र बने
🔥 ABVP की चेतावनी
ABVP नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। अब छात्र समुदाय की निगाहें कॉलेज प्रशासन व जिला शिक्षा विभाग की पहल पर टिकी हैं।
📖 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से तुलना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार शिक्षा व्यवस्था सुधार और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए संकल्पित हैं। राज्य सरकार “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पारदर्शी प्रशासन और छात्र हित सर्वोपरि” की नीति पर काम कर रही है।
ऐसे में जब प्रदेश स्तर पर शिक्षा में सुधार के बड़े प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं कोतमा महाविद्यालय में छात्रों को अपनी समस्याओं के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है – यह बड़ा सवाल खड़ा करता है।
👀 आगे क्या..?
अब देखना यह है कि कॉलेज प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के शिक्षा सुधार के विज़न के अनुरूप छात्रों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेते हैं। यदि समय रहते समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और तेज होने की पूरी संभावना है।