भोपाल ब्यूरो।जनकलम संपादक विकास कुमार
मध्यप्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया को फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली में लागू करने का निर्णय लिया है।
दरअसल, वर्ष 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने संशोधन कर नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव पार्षदों के जरिए कराने का प्रावधान किया था। इससे पहले 1999 से 2015 तक यह चुनाव सीधे जनता द्वारा होते रहे थे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने अब इस व्यवस्था को पलटते हुए घोषणा की है कि वर्ष 2027 से नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव भी नगर निगम महापौर की तरह प्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा ही होंगे।
सरकार का कहना है कि अब अध्यक्ष जनता के प्रति सीधे जवाबदेह रहेंगे। चुनाव पार्षदों के द्वारा कराए जाने पर अक्सर अध्यक्षों को अविश्वास प्रस्ताव की धमकी और पार्षदों को मनाने जैसी स्थितियां बनती थीं, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता प्रभावित होती थी।
नई व्यवस्था में यदि अध्यक्ष जनता के अनुसार कार्य नहीं करेंगे तो जनता को उन्हें वापस बुलाने का अधिकार भी होगा। इस कदम के बाद अध्यक्षों और पार्षदों की मनमानी पर अंकुश लगेगा और स्थानीय निकायों में जनहित के अनुसार कार्य सुनिश्चित हो सकेगा।